सौन्दरनन्दम् — 18.60
Original
Segmented
त्वयि परम-धृतौ निविष्ट-तत्त्वे भवन-गता न हि रंस्यते ध्रुवम् सा मनसि शम-दम-आत्मके विविक्ते मतिः इव काम-सुखैः परीक्षकस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
परम | परम | pos=a,comp=y |
धृतौ | धृति | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निविष्ट | निविश् | pos=va,comp=y,f=part |
तत्त्वे | तत्त्व | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भवन | भवन | pos=n,comp=y |
गता | गम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
रंस्यते | रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मनसि | मनस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शम | शम | pos=n,comp=y |
दम | दम | pos=n,comp=y |
आत्मके | आत्मक | pos=a,g=n,c=7,n=s |
विविक्ते | विविच् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
काम | काम | pos=n,comp=y |
सुखैः | सुख | pos=n,g=n,c=3,n=p |
परीक्षकस्य | परीक्षक | pos=a,g=m,c=6,n=s |