सौन्दरनन्दम् — 18.47
Original
Segmented
अहो हि सत्त्वेषु अति मैत्र-चेतसः तथागतस्य अनुजिघृक्षु-ता परा अपास्य यत् ध्यान-सुखम् मुने परम् परस्य दुःख-उपरमाय खिद्यसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अहो | अहो | pos=i |
हि | हि | pos=i |
सत्त्वेषु | सत्त्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अति | अति | pos=i |
मैत्र | मैत्र | pos=a,comp=y |
चेतसः | चेतस् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तथागतस्य | तथागत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अनुजिघृक्षु | अनुजिघृक्षु | pos=a,comp=y |
ता | ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अपास्य | अपास् | pos=vi |
यत् | यत् | pos=i |
ध्यान | ध्यान | pos=n,comp=y |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मुने | मुनि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
परस्य | पर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
उपरमाय | उपरम | pos=n,g=m,c=4,n=s |
खिद्यसे | खिद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |