Original

अहोऽन्धविज्ञाननिमीलितं जगत् पटान्तरे पश्यति नोत्तमं सुखम् ।सुधीरम् अध्यात्मसुखं व्यपास्य हि श्रमं तथा कामसुखार्थम् ऋच्छति ॥ ४५ ॥

Segmented

अहो अन्ध-विज्ञान-निमीलितम् जगत् पट-अन्तरे पश्यति ना उत्तमम् सुखम् सु धीरम् अध्यात्म-सुखम् व्यपास्य हि श्रमम् तथा काम-सुख-अर्थम् ऋच्छति

Analysis

Word Lemma Parse
अहो अहो pos=i
अन्ध अन्ध pos=a,comp=y
विज्ञान विज्ञान pos=n,comp=y
निमीलितम् निमीलय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
जगत् जगन्त् pos=n,g=n,c=1,n=s
पट पट pos=n,comp=y
अन्तरे अन्तर pos=n,g=n,c=7,n=s
पश्यति पश् pos=v,p=3,n=s,l=lat
ना pos=i
उत्तमम् उत्तम pos=a,g=n,c=2,n=s
सुखम् सुख pos=n,g=n,c=2,n=s
सु सु pos=i
धीरम् धीर pos=a,g=n,c=2,n=s
अध्यात्म अध्यात्म pos=n,comp=y
सुखम् सुख pos=n,g=n,c=2,n=s
व्यपास्य व्यपास् pos=vi
हि हि pos=i
श्रमम् श्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
तथा तथा pos=i
काम काम pos=n,comp=y
सुख सुख pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
ऋच्छति ऋछ् pos=v,p=3,n=s,l=lat