सौन्दरनन्दम् — 18.4
Original
Segmented
यस्य अर्थ-काम-प्रभवा हि भक्तिः ततस् ऽस्य सा तिष्ठति रूढ-मूला धर्म-अन्वयः यस्य तु भक्ति-रागः तस्य प्रसादो हृदय-अवगाढः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
काम | काम | pos=n,comp=y |
प्रभवा | प्रभव | pos=n,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
भक्तिः | भक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ततस् | ततस् | pos=i |
ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
रूढ | रुह् | pos=va,comp=y,f=part |
मूला | मूल | pos=n,g=f,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अन्वयः | अन्वय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तु | तु | pos=i |
भक्ति | भक्ति | pos=n,comp=y |
रागः | राग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रसादो | प्रसाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हृदय | हृदय | pos=n,comp=y |
अवगाढः | अवगाह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |