सौन्दरनन्दम् — 18.33
Original
Segmented
आरण्यकम् भैक्ष-चरम् विनीतम् द्रक्ष्यामि नन्दम् निभृतम् कदा इति आसीत् पुरस्तात् त्वयि मे दिदृक्षा तथा असि दिष्ट्या मम दर्शनीयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आरण्यकम् | आरण्यक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
भैक्ष | भैक्ष | pos=n,comp=y |
चरम् | चर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
विनीतम् | विनी | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
द्रक्ष्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
नन्दम् | नन्द | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निभृतम् | निभृत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कदा | कदा | pos=i |
इति | इति | pos=i |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
पुरस्तात् | पुरस्तात् | pos=i |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दिदृक्षा | दिदृक्षा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=6,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दर्शनीयः | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |