Original

उत्तिष्ठ धर्मे स्थित शिष्यजुष्टे किं पादयोर् मे पतितोऽसि मूर्ध्ना ।अभ्यर्चनं मे न तथा प्रणामो धर्मे यथैषा प्रतिपत्तिर् एव ॥ २२ ॥

Segmented

उत्तिष्ठ धर्मे स्थित शिष्य-जुष्टे किम् पादयोः मे पतितो ऽसि मूर्ध्ना अभ्यर्चनम् मे न तथा प्रणामो धर्मे यथा एषा प्रतिपत्तिः एव

Analysis

Word Lemma Parse
उत्तिष्ठ उत्था pos=v,p=2,n=s,l=lot
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
स्थित स्था pos=va,g=m,c=8,n=s,f=part
शिष्य शिष्य pos=n,comp=y
जुष्टे जुष् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
किम् किम् pos=i
पादयोः पाद pos=n,g=m,c=7,n=d
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
पतितो पत् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
मूर्ध्ना मूर्धन् pos=n,g=m,c=3,n=s
अभ्यर्चनम् अभ्यर्चन pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
pos=i
तथा तथा pos=i
प्रणामो प्रणाम pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
यथा यथा pos=i
एषा एतद् pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रतिपत्तिः प्रतिपत्ति pos=n,g=f,c=1,n=s
एव एव pos=i