सौन्दरनन्दम् — 18.2
Original
Segmented
द्रष्टुम् सुखम् ज्ञान-समाप्ति-काले गुरुः हि शिष्यस्य गुरोः च शिष्यः परिश्रमः ते सफलो मयि इति यतो दिदृक्षा अस्य मुनौ बभूव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्रष्टुम् | दृश् | pos=vi |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
समाप्ति | समाप्ति | pos=n,comp=y |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
शिष्यस्य | शिष्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गुरोः | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
शिष्यः | शिष्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परिश्रमः | परिश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
सफलो | सफल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
इति | इति | pos=i |
यतो | यतस् | pos=i |
दिदृक्षा | दिदृक्षा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मुनौ | मुनि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |