सौन्दरनन्दम् — 17.9
Original
Segmented
आरब्ध-वीर्यस्य मनः-शमाय भूयस् तु तस्य अकुशलः वितर्कः व्याधि-प्रणाशाय निविष्ट-बुद्धेः उपद्रवो घोर इव आजगाम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आरब्ध | आरभ् | pos=va,comp=y,f=part |
वीर्यस्य | वीर्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
शमाय | शम | pos=n,g=m,c=4,n=s |
भूयस् | भूयस् | pos=i |
तु | तु | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अकुशलः | अकुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वितर्कः | वितर्क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्याधि | व्याधि | pos=n,comp=y |
प्रणाशाय | प्रणाश | pos=n,g=m,c=4,n=s |
निविष्ट | निविश् | pos=va,comp=y,f=part |
बुद्धेः | बुद्धि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
उपद्रवो | उपद्रव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
घोर | घोर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
आजगाम | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |