सौन्दरनन्दम् — 17.49
Original
Segmented
प्रीतिः परा वस्तुनि यत्र यस्य विपर्ययात् तस्य हि तत्र दुःखम् प्रीतौ अतस् प्रेक्ष्य स तत्र दोषान् प्रीति-क्षये योगम् उपारुरोह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वस्तुनि | वस्तु | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विपर्ययात् | विपर्यय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रीतौ | प्रीति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
अतस् | अतस् | pos=i |
प्रेक्ष्य | प्रेक्ष् | pos=vi |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
योगम् | योग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपारुरोह | उपारुह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |