सौन्दरनन्दम् — 17.21
Original
Segmented
यस्मात् निरीहम् जगत् अस्वतन्त्रम् न ऐश्वर्यम् एकः कुरुते क्रियासु तत् तत् प्रतीत्य प्रभवन्ति भावा निरात्मकम् तेन विवेद लोकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्मात् | यद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
निरीहम् | निरीह | pos=a,g=n,c=1,n=s |
जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अस्वतन्त्रम् | अस्वतन्त्र | pos=a,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
ऐश्वर्यम् | ऐश्वर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एकः | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्रियासु | क्रिया | pos=n,g=f,c=7,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रतीत्य | प्रती | pos=vi |
प्रभवन्ति | प्रभू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
भावा | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
निरात्मकम् | निरात्मक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
विवेद | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |