सौन्दरनन्दम् — 17.19
Original
Segmented
यतः प्रसूतस्य च कर्म-योगः प्रसज्यते बन्ध-विघात-हेतुः दुःख-प्रतीकार-विधौ सुख-आख्ये ततो भवम् दुःखम् इति व्यपश्यत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यतः | यतस् | pos=i |
प्रसूतस्य | प्रसू | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
योगः | योग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रसज्यते | प्रसञ्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
बन्ध | बन्ध | pos=n,comp=y |
विघात | विघात | pos=n,comp=y |
हेतुः | हेतु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
प्रतीकार | प्रतीकार | pos=n,comp=y |
विधौ | विधि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
आख्ये | आख्या | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ततो | ततस् | pos=i |
भवम् | भव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
व्यपश्यत् | विपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |