सौन्दरनन्दम् — 17.14
Original
Segmented
यः स्यात् निकेतः तमसः ऽनिकेतः श्रुत्वा अपि तत्त्वम् स भवेत् प्रमत्तः यस्मात् तु मोक्षाय स पात्र-भूतः तस्मात् मनः स्व-आत्मनि संजहार
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
निकेतः | निकेत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तमसः | तमस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
ऽनिकेतः | अनिकेत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
अपि | अपि | pos=i |
तत्त्वम् | तत्त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
प्रमत्तः | प्रमद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
यस्मात् | यस्मात् | pos=i |
तु | तु | pos=i |
मोक्षाय | मोक्ष | pos=n,g=m,c=4,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पात्र | पात्र | pos=n,comp=y |
भूतः | भू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
आत्मनि | आत्मन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
संजहार | संहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |