Original

तज् जन्मनो नैकविधस्य सौम्य तृष्णादयो हेतव इत्य् अवेत्य ।तांश् छिन्धि दुःखाद् यदि निर्मुमुक्षा कार्यक्षयः कारणसंक्षयाद् धि ॥ २५ ॥

Segmented

तद्-जन्मनः ना एकविधस्य सौम्य तृष्णा-आदयः हेतव इति अवेत्य तान् छिन्द्धि दुःखाद् यदि निर्मुमुक्षा कार्य-क्षयः कारण-संक्षयात् हि

Analysis

Word Lemma Parse
तद् तद् pos=n,comp=y
जन्मनः जन्मन् pos=n,g=n,c=6,n=s
ना pos=i
एकविधस्य एकविध pos=a,g=n,c=6,n=s
सौम्य सौम्य pos=a,g=m,c=8,n=s
तृष्णा तृष्णा pos=n,comp=y
आदयः आदि pos=n,g=m,c=1,n=p
हेतव हेतु pos=n,g=m,c=1,n=p
इति इति pos=i
अवेत्य अवे pos=vi
तान् तद् pos=n,g=m,c=2,n=p
छिन्द्धि छिद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
दुःखाद् दुःख pos=n,g=n,c=5,n=s
यदि यदि pos=i
निर्मुमुक्षा निर्मुमुक्षा pos=n,g=f,c=1,n=s
कार्य कार्य pos=n,comp=y
क्षयः क्षय pos=n,g=m,c=1,n=s
कारण कारण pos=n,comp=y
संक्षयात् संक्षय pos=n,g=m,c=5,n=s
हि हि pos=i