सौन्दरनन्दम् — 15.40
Original
Segmented
यो ऽभवद् बान्धव-जनः पर-लोके प्रियः तव स ते कम् अर्थम् कुरुते त्वम् वा तस्मै करोषि कम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभवद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
बान्धव | बान्धव | pos=n,comp=y |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पर | पर | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कम् | क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वा | वा | pos=i |
तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
करोषि | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
कम् | क | pos=n,g=m,c=2,n=s |