सौन्दरनन्दम् — 14.47
Original
Segmented
अ लब्ध-चेतः-प्रशमः स रागः यो न प्रचारम् भजते विविक्तम् स क्षण्यते ह्य् अ प्रतिलब्ध-मार्गः चरन् इव उर्व्याम् बहु-कण्टकायाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अ | अ | pos=i |
लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
चेतः | चेतस् | pos=n,comp=y |
प्रशमः | प्रशम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
रागः | राग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
प्रचारम् | प्रचार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भजते | भज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विविक्तम् | विविच् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
क्षण्यते | क्षन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ह्य् | हि | pos=i |
अ | अ | pos=i |
प्रतिलब्ध | प्रतिलभ् | pos=va,comp=y,f=part |
मार्गः | मार्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चरन् | चर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
उर्व्याम् | उर्वी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
कण्टकायाम् | कण्टक | pos=n,g=f,c=7,n=s |