सौन्दरनन्दम् — 14.31
Original
Segmented
तस्मात् तमः इति ज्ञात्वा निद्राम् ना आवेष्टुम् अर्हसि अप्रशान्तेषु दोषेषु स शस्त्रेषु इव शत्रुषु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
तमः | तमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
निद्राम् | निद्रा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ना | न | pos=i |
आवेष्टुम् | आविश् | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
अप्रशान्तेषु | अप्रशान्त | pos=a,g=m,c=7,n=p |
दोषेषु | दोष | pos=n,g=m,c=7,n=p |
स | स | pos=i |
शस्त्रेषु | शस्त्र | pos=n,g=m,c=7,n=p |
इव | इव | pos=i |
शत्रुषु | शत्रु | pos=n,g=m,c=7,n=p |