Original

रागोद्दामेन मनसा सर्वथा दुष्करा धृतिः ।सदोषम् सलिलं दृष्ट्वा पथिनेव पिपासुना ॥ २७ ॥

Segmented

राग-उद्दामेन मनसा सर्वथा दुष्करा धृतिः स दोषम् सलिलम् दृष्ट्वा पथिना इव पिपासुना

Analysis

Word Lemma Parse
राग राग pos=n,comp=y
उद्दामेन उद्दाम pos=a,g=n,c=3,n=s
मनसा मनस् pos=n,g=n,c=3,n=s
सर्वथा सर्वथा pos=i
दुष्करा दुष्कर pos=a,g=f,c=1,n=s
धृतिः धृति pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
दोषम् दोष pos=n,g=n,c=2,n=s
सलिलम् सलिल pos=n,g=n,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
पथिना पथिन् pos=n,g=m,c=3,n=s
इव इव pos=i
पिपासुना पिपासु pos=a,g=m,c=3,n=s