सौन्दरनन्दम् — 11.40
Original
Segmented
यदा भ्रष्टस्य कुशलम् शिष्टम् किंचिद् न विद्यते तिर्यक्षु पितृ-लोके वा नरके च उपपद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
भ्रष्टस्य | भ्रंश् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
कुशलम् | कुशल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
शिष्टम् | शिष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तिर्यक्षु | तिर्यञ्च् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
नरके | नरक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
उपपद्यते | उपपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |