सौन्दरनन्दम् — 11.24
Original
Segmented
यथा आसन-अर्थम् स्कन्धेन कश्चिद् गुर्वीम् शिलाम् वहेत् तद्वत् त्वम् अपि काम-अर्थम् नियमम् वोढुम् उद्यतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
आसन | आसन | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्कन्धेन | स्कन्ध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गुर्वीम् | गुरु | pos=a,g=f,c=2,n=s |
शिलाम् | शिला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वहेत् | वह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तद्वत् | तद्वत् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
काम | काम | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नियमम् | नियम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वोढुम् | वह् | pos=vi |
उद्यतः | उद्यम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |