सौन्दरनन्दम् — 10.62
Original
Segmented
क्षितौ मनुष्यो धनुः-आदिभिः श्रमैः स्त्रियः कदाचिद् हि लभेत वा न वा असंशयम् यत् तु इह धर्म-चर्यया भवेयुः एताः दिवि पुण्य-कर्मणः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
क्षितौ | क्षिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
मनुष्यो | मनुष्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,comp=y |
आदिभिः | आदि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
श्रमैः | श्रम | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स्त्रियः | स्त्री | pos=n,g=f,c=2,n=p |
कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
लभेत | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
वा | वा | pos=i |
न | न | pos=i |
वा | वा | pos=i |
असंशयम् | असंशयम् | pos=i |
यत् | यत् | pos=i |
तु | तु | pos=i |
इह | इह | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
चर्यया | चर्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |
भवेयुः | भू | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
एताः | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |