सौन्दरनन्दम् — 10.59
Original
Segmented
धृतिम् परिष्वज्य विधूय विक्रियाम् निगृह्य तावत् श्रुत-चेतसी शृणु इमा यदि प्रार्थयसे त्वम् अङ्गनाः विधत्स्व शुक्ल-अर्थम् इह उत्तमम् तपः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतिम् | धृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
परिष्वज्य | परिष्वज् | pos=vi |
विधूय | विधू | pos=vi |
विक्रियाम् | विक्रिया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
निगृह्य | निग्रह् | pos=vi |
तावत् | तावत् | pos=i |
श्रुत | श्रुत | pos=n,comp=y |
चेतसी | चेतस् | pos=n,g=n,c=2,n=d |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इमा | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
यदि | यदि | pos=i |
प्रार्थयसे | प्रार्थय् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अङ्गनाः | अङ्गना | pos=n,g=f,c=2,n=p |
विधत्स्व | विधा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
शुक्ल | शुक्र | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तपः | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |