ऋतुसंहारम् — 6.9
Original
Segmented
उच्छ्वासयन्त्यः श्लथ-बन्धनानि गात्राणि कन्दर्प-समाकुलानि समीप-वर्तिन् अधुना प्रियेषु समुत्सुका एव भवन्ति नार्यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उच्छ्वासयन्त्यः | उच्छ्वासय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
श्लथ | श्लथ | pos=a,comp=y |
बन्धनानि | बन्धन | pos=n,g=n,c=2,n=p |
गात्राणि | गात्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कन्दर्प | कन्दर्प | pos=n,comp=y |
समाकुलानि | समाकुल | pos=a,g=n,c=2,n=p |
समीप | समीप | pos=n,comp=y |
वर्तिन् | वर्तिन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
अधुना | अधुना | pos=i |
प्रियेषु | प्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=p |
समुत्सुका | समुत्सुक | pos=a,g=f,c=1,n=p |
एव | एव | pos=i |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
नार्यः | नारी | pos=n,g=f,c=1,n=p |