ऋतुसंहारम् — 6.22
Original
Segmented
किम् किंशुकैः शुक-मुख-छवि न भिन्नम् किम् कर्णिकार-कुसुमैः न कृतम् नु दग्धम् यत् कोकिलः पुनः अयम् मधुरैः वचोभिः यूनाम् मनः सुवदना-निहितम् निहन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किंशुकैः | किंशुक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
शुक | शुक | pos=n,comp=y |
मुख | मुख | pos=n,comp=y |
छवि | छवि | pos=n,g=f,c=3,n=p |
न | न | pos=i |
भिन्नम् | भिद् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कर्णिकार | कर्णिकार | pos=n,comp=y |
कुसुमैः | कुसुम | pos=n,g=n,c=3,n=p |
न | न | pos=i |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
नु | नु | pos=i |
दग्धम् | दह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यत् | यत् | pos=i |
कोकिलः | कोकिल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मधुरैः | मधुर | pos=a,g=n,c=3,n=p |
वचोभिः | वचस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
यूनाम् | युवन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सुवदना | सुवदना | pos=n,comp=y |
निहितम् | निधा | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
निहन्ति | निहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |