ऋतुसंहारम् — 3.8
Original
Segmented
कारण्डव-आनन-विघट्टय्-वीचि-मालाः कादम्ब-सारस-कुल-आकुल-तीर-देश कुर्वन्ति हंस-विरुतैः परितो जनस्य प्रीतिम् सरोरुह-रजः-अरुणित तटिन्यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कारण्डव | कारण्डव | pos=n,comp=y |
आनन | आनन | pos=n,comp=y |
विघट्टय् | विघट्टय् | pos=va,comp=y,f=part |
वीचि | वीचि | pos=n,comp=y |
मालाः | माला | pos=n,g=f,c=1,n=p |
कादम्ब | कादम्ब | pos=n,comp=y |
सारस | सारस | pos=n,comp=y |
कुल | कुल | pos=n,comp=y |
आकुल | आकुल | pos=a,comp=y |
तीर | तीर | pos=n,comp=y |
देश | देश | pos=n,g=f,c=1,n=p |
कुर्वन्ति | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
हंस | हंस | pos=n,comp=y |
विरुतैः | विरुत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
परितो | परितस् | pos=i |
जनस्य | जन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सरोरुह | सरोरुह | pos=n,comp=y |
रजः | रजस् | pos=n,comp=y |
अरुणित | अरुणित | pos=a,g=f,c=1,n=p |
तटिन्यः | तटिनी | pos=n,g=f,c=1,n=p |