ऋतुसंहारम् — 3.27
Original
Segmented
स्त्रीणाम् विहाय वदनेषु शशाङ्क-लक्ष्म्यम् काम्यम् च हंस-वचनम् मणि-नूपुरेषु बन्धूक-कान्तिम् अधरेषु मनोहरेषु क्वापि प्रयाति सुभगा शरद्-आगम-श्रीः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्त्रीणाम् | स्त्री | pos=n,g=f,c=6,n=p |
विहाय | विहा | pos=vi |
वदनेषु | वदन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
शशाङ्क | शशाङ्क | pos=n,comp=y |
लक्ष्म्यम् | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
काम्यम् | काम्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
हंस | हंस | pos=n,comp=y |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मणि | मणि | pos=n,comp=y |
नूपुरेषु | नूपुर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
बन्धूक | बन्धूक | pos=n,comp=y |
कान्तिम् | कान्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अधरेषु | अधर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
मनोहरेषु | मनोहर | pos=a,g=m,c=7,n=p |
क्वापि | क्वापि | pos=i |
प्रयाति | प्रया | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सुभगा | सुभग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
शरद् | शरद् | pos=n,comp=y |
आगम | आगम | pos=n,comp=y |
श्रीः | श्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |