ऋतुसंहारम् — 3.20
Original
Segmented
हारैः सचन्दन-रसैः स्तन-मण्डलानि श्रोणी-तटम् सु विपुलम् रसना-कलापैः पाद-अम्बुजानि कल-नूपुर-शेखरैः च नार्यः प्रहृः-मनसः ऽद्य विभूषयन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हारैः | हार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सचन्दन | सचन्दन | pos=a,comp=y |
रसैः | रस | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स्तन | स्तन | pos=n,comp=y |
मण्डलानि | मण्डल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
श्रोणी | श्रोणी | pos=n,comp=y |
तटम् | तट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सु | सु | pos=i |
विपुलम् | विपुल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
रसना | रसना | pos=n,comp=y |
कलापैः | कलाप | pos=n,g=m,c=3,n=p |
पाद | पाद | pos=n,comp=y |
अम्बुजानि | अम्बुज | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कल | कल | pos=a,comp=y |
नूपुर | नूपुर | pos=n,comp=y |
शेखरैः | शेखर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
नार्यः | नारी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
प्रहृः | प्रहृष् | pos=va,comp=y,f=part |
मनसः | मनस् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
ऽद्य | अद्य | pos=i |
विभूषयन्ति | विभूषय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |