ऋतुसंहारम् — 2.5
Original
Segmented
प्रभिद्-वैडूर्य-निभैः तृण-अङ्कुरैः समाचिता प्रोत्थित-कन्दली-दलैः विभाति शुक्लेतर-रत्न-भूषिता वर-अङ्गना इव क्षितिः इन्द्रगोपकैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रभिद् | प्रभिद् | pos=va,comp=y,f=part |
वैडूर्य | वैडूर्य | pos=n,comp=y |
निभैः | निभ | pos=a,g=m,c=3,n=p |
तृण | तृण | pos=n,comp=y |
अङ्कुरैः | अङ्कुर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
समाचिता | समाचि | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
प्रोत्थित | प्रोत्थित | pos=a,comp=y |
कन्दली | कन्दली | pos=n,comp=y |
दलैः | दल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
विभाति | विभा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शुक्लेतर | शुक्लेतर | pos=a,comp=y |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
भूषिता | भूषय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
वर | वर | pos=a,comp=y |
अङ्गना | अङ्गना | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
क्षितिः | क्षिति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इन्द्रगोपकैः | इन्द्रगोपक | pos=n,g=m,c=3,n=p |