ऋतुसंहारम् — 2.22
Original
Segmented
कालागुरु-प्रचर-चन्दन-चर्चय्-अङ्ग पुष्प-अवतंस-सुरभीकृ-केशपाश श्रुत्वा ध्वनिम् जलमुचाम् त्वरितम् प्रदोषे शय्या-गृहम् गुरु-गृहात् प्रविशन्ति नार्यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कालागुरु | कालागुरु | pos=n,comp=y |
प्रचर | प्रचर | pos=n,comp=y |
चन्दन | चन्दन | pos=n,comp=y |
चर्चय् | चर्चय् | pos=va,comp=y,f=part |
अङ्ग | अङ्ग | pos=a,g=f,c=1,n=p |
पुष्प | पुष्प | pos=n,comp=y |
अवतंस | अवतंस | pos=n,comp=y |
सुरभीकृ | सुरभीकृ | pos=va,comp=y,f=part |
केशपाश | केशपाश | pos=n,g=f,c=1,n=p |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
ध्वनिम् | ध्वनि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जलमुचाम् | जलमुच् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
त्वरितम् | त्वरित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
प्रदोषे | प्रदोष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शय्या | शय्या | pos=n,comp=y |
गृहम् | गृह | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
गृहात् | गृह | pos=n,g=n,c=5,n=s |
प्रविशन्ति | प्रविश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
नार्यः | नारी | pos=n,g=f,c=1,n=p |