ऋतुसंहारम् — 1.22
Original
Segmented
पटुतर-दव-दाह-उच्छुष्क-सस्य-प्ररोहाः परुष-पवन-वेग-उत्क्षिप्त-संशुष्क-पर्णाः दिनकर-परिताप-क्षीण-तोयाः समन्तात् विदधति भयम् उच्चैस् वीक्ष्यमाणा वनान्ताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पटुतर | पटुतर | pos=a,comp=y |
दव | दव | pos=n,comp=y |
दाह | दाह | pos=n,comp=y |
उच्छुष्क | उच्छुष्क | pos=a,comp=y |
सस्य | सस्य | pos=n,comp=y |
प्ररोहाः | प्ररोह | pos=n,g=m,c=1,n=p |
परुष | परुष | pos=a,comp=y |
पवन | पवन | pos=n,comp=y |
वेग | वेग | pos=n,comp=y |
उत्क्षिप्त | उत्क्षिप् | pos=va,comp=y,f=part |
संशुष्क | संशुष्क | pos=a,comp=y |
पर्णाः | पर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
दिनकर | दिनकर | pos=n,comp=y |
परिताप | परिताप | pos=n,comp=y |
क्षीण | क्षि | pos=va,comp=y,f=part |
तोयाः | तोय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
समन्तात् | समन्तात् | pos=i |
विदधति | विधा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |
वीक्ष्यमाणा | वीक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
वनान्ताः | वनान्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |