ऋतुसंहारम् — 1.18
Original
Segmented
विवस्वता तीक्ष्णतर-अंशु-मालिना स पङ्क-तोयात् सरसो ऽभितापितः उत्प्लुत्य भेकः तृषितस्य भोगिनः फण-आतपत्रस्य तले निषीदति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विवस्वता | विवस्वन्त् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तीक्ष्णतर | तीक्ष्णतर | pos=a,comp=y |
अंशु | अंशु | pos=n,comp=y |
मालिना | मालिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
स | स | pos=i |
पङ्क | पङ्क | pos=n,comp=y |
तोयात् | तोय | pos=n,g=n,c=5,n=s |
सरसो | सरस् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
ऽभितापितः | अभितापय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
उत्प्लुत्य | उत्प्लु | pos=vi |
भेकः | भेक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तृषितस्य | तृषित | pos=a,g=m,c=6,n=s |
भोगिनः | भोगिन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
फण | फण | pos=n,comp=y |
आतपत्रस्य | आतपत्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निषीदति | निषद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |