Original

दुःखेन च सुसंतप्तः स्मृत्वा तद्घोरदर्शनम् ।अवान्मुखो दीनमना व्याहर्तुं न शशाक ह ॥ १७ ॥

Segmented

दुःखेन च सु संतप्तः स्मृत्वा तद् घोर-दर्शनम् अवाङ्मुखो दीन-मनाः व्याहर्तुम् न शशाक ह

Analysis

Word Lemma Parse
दुःखेन दुःख pos=n,g=n,c=3,n=s
pos=i
सु सु pos=i
संतप्तः संतप् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
स्मृत्वा स्मृ pos=vi
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
घोर घोर pos=a,comp=y
दर्शनम् दर्शन pos=n,g=n,c=2,n=s
अवाङ्मुखो अवाङ्मुख pos=a,g=m,c=1,n=s
दीन दीन pos=a,comp=y
मनाः मनस् pos=n,g=m,c=1,n=s
व्याहर्तुम् व्याहृ pos=vi
pos=i
शशाक शक् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i