Original

कुम्भकर्णः प्रमत्तस्तु महर्षीन्धर्मसंश्रितान् ।त्रैलोक्यं त्रासयन्दुष्टो भक्षयन्विचचार ह ॥ २९ ॥

Segmented

कुम्भकर्णः प्रमत्तः तु महा-ऋषीन् धर्म-संश्रितान् त्रैलोक्यम् त्रासयन् दुष्टो भक्षयन् विचचार ह

Analysis

Word Lemma Parse
कुम्भकर्णः कुम्भकर्ण pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रमत्तः प्रमद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तु तु pos=i
महा महत् pos=a,comp=y
ऋषीन् ऋषि pos=n,g=m,c=2,n=p
धर्म धर्म pos=n,comp=y
संश्रितान् संश्रि pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part
त्रैलोक्यम् त्रैलोक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
त्रासयन् त्रासय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
दुष्टो दुष्ट pos=a,g=m,c=1,n=s
भक्षयन् भक्षय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
विचचार विचर् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i