रामायणम् — 7.83.11
Original
Segmented
न कश्चिद् मलिनः तत्र दीनो वा अपि अथ वा कृशः तस्मिन् यज्ञ-वरे राज्ञो हृष्ट-पुः-जन-आवृते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मलिनः | मलिन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
दीनो | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वा | वा | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अथ | अथ | pos=i |
वा | वा | pos=i |
कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
वरे | वर | pos=a,g=m,c=7,n=s |
राज्ञो | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हृष्ट | हृष् | pos=va,comp=y,f=part |
पुः | पुष् | pos=va,comp=y,f=part |
जन | जन | pos=n,comp=y |
आवृते | आवृ | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |