Original

तत्र भार्गवकन्यां स रूपेणाप्रतिमां भुवि ।विचरन्तीं वनोद्देशे दण्डोऽपश्यदनुत्तमाम् ॥ ४ ॥

Segmented

तत्र भार्गव-कन्याम् स रूपेण अप्रतिमाम् भुवि विचरन्तीम् वन-उद्देशे दण्डो ऽपश्यद् अनुत्तमाम्

Analysis

Word Lemma Parse
तत्र तत्र pos=i
भार्गव भार्गव pos=n,comp=y
कन्याम् कन्या pos=n,g=f,c=2,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
रूपेण रूप pos=n,g=n,c=3,n=s
अप्रतिमाम् अप्रतिम pos=a,g=f,c=2,n=s
भुवि भू pos=n,g=f,c=7,n=s
विचरन्तीम् विचर् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
वन वन pos=n,comp=y
उद्देशे उद्देश pos=n,g=m,c=7,n=s
दण्डो दण्ड pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽपश्यद् पश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
अनुत्तमाम् अनुत्तम pos=a,g=f,c=2,n=s