रामायणम् — 7.69.2
Original
Segmented
शृणु ब्रह्मन् यथावृत्तम् मे एतत् सुख-दुःखयोः दुरतिक्रमणीयम् हि यथा पृच्छसि माम् द्विज
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यथावृत्तम् | यथावृत्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
दुःखयोः | दुःख | pos=n,g=n,c=6,n=d |
दुरतिक्रमणीयम् | दुरतिक्रमणीय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
यथा | यथा | pos=i |
पृच्छसि | प्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
द्विज | द्विज | pos=n,g=m,c=8,n=s |