Original

उष्यतां चेह रजनीं सकाशे मम राघव ।प्रभाते पुष्पकेण त्वं गन्ता स्वपुरमेव हि ॥ ११ ॥

Segmented

उष्यताम् च इह रजनीम् सकाशे मम राघव प्रभाते पुष्पकेण त्वम् गन्ता स्व-पुरम् एव हि

Analysis

Word Lemma Parse
उष्यताम् वस् pos=v,p=3,n=s,l=lot
pos=i
इह इह pos=i
रजनीम् रजनी pos=n,g=f,c=2,n=s
सकाशे सकाश pos=n,g=m,c=7,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
राघव राघव pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रभाते प्रभात pos=n,g=n,c=7,n=s
पुष्पकेण पुष्पक pos=n,g=n,c=3,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
गन्ता गम् pos=v,p=3,n=s,l=lrt
स्व स्व pos=a,comp=y
पुरम् पुर pos=n,g=n,c=2,n=s
एव एव pos=i
हि हि pos=i