रामायणम् — 7.6.47
Original
Segmented
गृध्र-चक्रम् महत् च अपि ज्वलन-उद्गारिन् मुखैः राक्षसानाम् उपरि वै भ्रमते कालचक्र-वत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गृध्र | गृध्र | pos=n,comp=y |
चक्रम् | चक्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
ज्वलन | ज्वलन | pos=n,comp=y |
उद्गारिन् | उद्गारिन् | pos=a,g=n,c=3,n=p |
मुखैः | मुख | pos=n,g=n,c=3,n=p |
राक्षसानाम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=6,n=p |
उपरि | उपरि | pos=i |
वै | वै | pos=i |
भ्रमते | भ्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कालचक्र | कालचक्र | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |