Original

देवसागरमक्षोभ्यं शस्त्रौघैः प्रविगाह्य च ।जिता देवा रणे नित्यं न नो मृत्युकृतं भयम् ॥ ३५ ॥

Segmented

देव-सागरम् अक्षोभ्यम् शस्त्र-ओघैः प्रविगाह्य च जिता देवा रणे नित्यम् न नो मृत्यु-कृतम् भयम्

Analysis

Word Lemma Parse
देव देव pos=n,comp=y
सागरम् सागर pos=n,g=m,c=2,n=s
अक्षोभ्यम् अक्षोभ्य pos=a,g=m,c=2,n=s
शस्त्र शस्त्र pos=n,comp=y
ओघैः ओघ pos=n,g=m,c=3,n=p
प्रविगाह्य प्रविगाह् pos=vi
pos=i
जिता जि pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
देवा देव pos=n,g=m,c=1,n=p
रणे रण pos=n,g=m,c=7,n=s
नित्यम् नित्यम् pos=i
pos=i
नो मद् pos=n,g=,c=6,n=p
मृत्यु मृत्यु pos=n,comp=y
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
भयम् भय pos=n,g=n,c=1,n=s