रामायणम् — 7.59.14
Original
Segmented
तत् श्रुत्वा विप्रियम् घोरम् सहस्राक्षेण भाषितम् व्रीडितो ऽवाङ्मुखो राजा व्याहर्तुम् न शशाक ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
विप्रियम् | विप्रिय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
सहस्राक्षेण | सहस्राक्ष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भाषितम् | भाष् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
व्रीडितो | व्रीड् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽवाङ्मुखो | अवाङ्मुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्याहर्तुम् | व्याहृ | pos=vi |
न | न | pos=i |
शशाक | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |