Original

स गत्वा यमुनातीरं सप्तरात्रोषितः पथि ।ऋषीणां पुण्यकीर्तीनामाश्रमे वासमभ्ययात् ॥ १३ ॥

Segmented

स गत्वा यमुना-तीरम् सप्त-रात्र-उषितः पथि ऋषीणाम् पुण्य-कीर्तीनाम् आश्रमे वासम् अभ्ययात्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
गत्वा गम् pos=vi
यमुना यमुना pos=n,comp=y
तीरम् तीर pos=n,g=n,c=2,n=s
सप्त सप्तन् pos=n,comp=y
रात्र रात्र pos=n,comp=y
उषितः वस् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
पथि पथिन् pos=n,g=m,c=7,n=s
ऋषीणाम् ऋषि pos=n,g=m,c=6,n=p
पुण्य पुण्य pos=a,comp=y
कीर्तीनाम् कीर्ति pos=n,g=m,c=6,n=p
आश्रमे आश्रम pos=n,g=m,c=7,n=s
वासम् वास pos=n,g=m,c=2,n=s
अभ्ययात् अभिया pos=v,p=3,n=s,l=lan