Original

आर्यस्याज्ञां पुरस्कृत्य विसृज्य जनकात्मजाम् ।गङ्गातीरे यथोद्दिष्टे वाल्मीकेराश्रमे शुभे ।पुनरस्म्यागतो वीर पादमूलमुपासितुम् ॥ ८ ॥

Segmented

आर्यस्य आज्ञाम् पुरस्कृत्य विसृज्य जनकात्मजाम् गङ्गा-तीरे यथा उद्दिष्टे वाल्मीकेः आश्रमे शुभे पुनः अस्मि आगतः वीर पाद-मूलम् उपासितुम्

Analysis

Word Lemma Parse
आर्यस्य आर्य pos=a,g=m,c=6,n=s
आज्ञाम् आज्ञा pos=n,g=f,c=2,n=s
पुरस्कृत्य पुरस्कृ pos=vi
विसृज्य विसृज् pos=vi
जनकात्मजाम् जनकात्मजा pos=n,g=f,c=2,n=s
गङ्गा गङ्गा pos=n,comp=y
तीरे तीर pos=n,g=n,c=7,n=s
यथा यथा pos=i
उद्दिष्टे उद्दिश् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
वाल्मीकेः वाल्मीकि pos=n,g=m,c=6,n=s
आश्रमे आश्रम pos=n,g=m,c=7,n=s
शुभे शुभ pos=a,g=m,c=7,n=s
पुनः पुनर् pos=i
अस्मि अस् pos=v,p=1,n=s,l=lat
आगतः आगम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
पाद पाद pos=n,comp=y
मूलम् मूल pos=n,g=n,c=2,n=s
उपासितुम् उपास् pos=vi