रामायणम् — 7.50.4
Original
Segmented
स दृष्ट्वा सूर्य-संकाशम् ज्वलन्तम् इव तेजसा उपविष्टम् वसिष्ठस्य सव्ये पार्श्वे महा-मुनिम् तौ मुनी तापस-श्रेष्ठौ विनीतः तु अभ्यवादयत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
सूर्य | सूर्य | pos=n,comp=y |
संकाशम् | संकाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ज्वलन्तम् | ज्वल् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
तेजसा | तेजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
उपविष्टम् | उपविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
वसिष्ठस्य | वसिष्ठ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सव्ये | सव्य | pos=a,g=m,c=7,n=s |
पार्श्वे | पार्श्व | pos=n,g=m,c=7,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
मुनिम् | मुनि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तौ | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
मुनी | मुनि | pos=n,g=m,c=2,n=d |
तापस | तापस | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठौ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=d |
विनीतः | विनी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
अभ्यवादयत् | अभिवादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |