Original

दृष्ट्वा तु मैथिलीं सीतामाश्रमं संप्रवेशिताम् ।संतापमकरोद्घोरं लक्ष्मणो दीनचेतनः ॥ १ ॥

Segmented

दृष्ट्वा तु मैथिलीम् सीताम् आश्रमम् संप्रवेशिताम् संतापम् अकरोद् घोरम् लक्ष्मणो दीन-चेतनः

Analysis

Word Lemma Parse
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
तु तु pos=i
मैथिलीम् मैथिली pos=n,g=f,c=2,n=s
सीताम् सीता pos=n,g=f,c=2,n=s
आश्रमम् आश्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
संप्रवेशिताम् संप्रवेशय् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
संतापम् संताप pos=n,g=m,c=2,n=s
अकरोद् कृ pos=v,p=3,n=s,l=lan
घोरम् घोर pos=a,g=m,c=2,n=s
लक्ष्मणो लक्ष्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
दीन दीन pos=a,comp=y
चेतनः चेतना pos=n,g=m,c=1,n=s