Original

ततो रजन्यां व्युष्टायां लक्ष्मणो दीनचेतनः ।सुमन्त्रमब्रवीद्वाक्यं मुखेन परिशुष्यता ॥ १ ॥

Segmented

ततो रजन्याम् व्युष्टायाम् लक्ष्मणो दीन-चेतनः सुमन्त्रम् अब्रवीद् वाक्यम् मुखेन परिशुष्यता

Analysis

Word Lemma Parse
ततो ततस् pos=i
रजन्याम् रजनी pos=n,g=f,c=7,n=s
व्युष्टायाम् विवस् pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part
लक्ष्मणो लक्ष्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
दीन दीन pos=a,comp=y
चेतनः चेतना pos=n,g=m,c=1,n=s
सुमन्त्रम् सुमन्त्र pos=n,g=m,c=2,n=s
अब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
वाक्यम् वाक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
मुखेन मुख pos=n,g=n,c=3,n=s
परिशुष्यता परिशुष् pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part