रामायणम् — 7.30.31
Original
Segmented
तत्र अधर्मः सु बलवान् समुत्थास्यति यो महान् तत्र अर्धम् तस्य यः कर्ता त्वे अर्धम् निपतिष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
अधर्मः | अधर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
बलवान् | बलवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समुत्थास्यति | समुत्था | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
अर्धम् | अर्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कर्ता | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
त्वे | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
अर्धम् | अर्ध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
निपतिष्यति | निपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |