रामायणम् — 7.28.16
Original
Segmented
न अभ्यजानन् तदा अन्योन्यम् शत्रून् वा दैवतानि वा तत्र तत्र विपर्यस्तम् समन्तात् परिधावितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अभ्यजानन् | अभिज्ञा | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
अन्योन्यम् | अन्योन्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
वा | वा | pos=i |
दैवतानि | दैवत | pos=n,g=n,c=2,n=p |
वा | वा | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
विपर्यस्तम् | विपर्यस्त | pos=a,g=n,c=1,n=s |
समन्तात् | समन्तात् | pos=i |
परिधावितम् | परिधाव् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |