रामायणम् — 7.25.32
Original
Segmented
ततो विजित्य त्रिदिवम् वशे स्थाप्य पुरंदरम् निर्वृतो विहरिष्यामि त्रैलोक्य-ऐश्वर्य-शोभितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततो | ततस् | pos=i |
विजित्य | विजि | pos=vi |
त्रिदिवम् | त्रिदिव | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वशे | वश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्थाप्य | स्थापय् | pos=vi |
पुरंदरम् | पुरंदर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निर्वृतो | निर्वृत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विहरिष्यामि | विहृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
त्रैलोक्य | त्रैलोक्य | pos=n,comp=y |
ऐश्वर्य | ऐश्वर्य | pos=n,comp=y |
शोभितः | शोभय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |