Original

ततो विजित्य त्रिदिवं वशे स्थाप्य पुरंदरम् ।निर्वृतो विहरिष्यामि त्रैलोक्यैश्वर्यशोभितः ॥ ३२ ॥

Segmented

ततो विजित्य त्रिदिवम् वशे स्थाप्य पुरंदरम् निर्वृतो विहरिष्यामि त्रैलोक्य-ऐश्वर्य-शोभितः

Analysis

Word Lemma Parse
ततो ततस् pos=i
विजित्य विजि pos=vi
त्रिदिवम् त्रिदिव pos=n,g=n,c=2,n=s
वशे वश pos=n,g=m,c=7,n=s
स्थाप्य स्थापय् pos=vi
पुरंदरम् पुरंदर pos=n,g=m,c=2,n=s
निर्वृतो निर्वृत pos=a,g=m,c=1,n=s
विहरिष्यामि विहृ pos=v,p=1,n=s,l=lrt
त्रैलोक्य त्रैलोक्य pos=n,comp=y
ऐश्वर्य ऐश्वर्य pos=n,comp=y
शोभितः शोभय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part