Original

तत्र यूपशताकीर्णं सौम्यचैत्योपशोभितम् ।ददर्श विष्ठितं यज्ञं संप्रदीप्तमिव श्रिया ॥ ३ ॥

Segmented

तत्र यूप-शत-आकीर्णम् सौम्य-चैत्य-उपशोभितम् ददर्श विष्ठितम् यज्ञम् संप्रदीप्तम् इव श्रिया

Analysis

Word Lemma Parse
तत्र तत्र pos=i
यूप यूप pos=n,comp=y
शत शत pos=n,comp=y
आकीर्णम् आकृ pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
सौम्य सौम्य pos=a,comp=y
चैत्य चैत्य pos=n,comp=y
उपशोभितम् उपशोभय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
ददर्श दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
विष्ठितम् विष्ठा pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
यज्ञम् यज्ञ pos=n,g=m,c=2,n=s
संप्रदीप्तम् संप्रदीप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
श्रिया श्री pos=n,g=f,c=3,n=s