रामायणम् — 7.24.28
Original
Segmented
अस्मिन् काले तु यत् प्राप्तम् तत् करिष्यामि ते हितम् भ्रातुः ऐश्वर्य-संस्थस्य खरस्य भव पार्श्वतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करिष्यामि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भ्रातुः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ऐश्वर्य | ऐश्वर्य | pos=n,comp=y |
संस्थस्य | संस्थ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
खरस्य | खर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पार्श्वतः | पार्श्वतस् | pos=i |