रामायणम् — 7.23.9
Original
Segmented
निवात-कवचानाम् तु निवार्य रण-कर्म तत् वृद्धः पितामहो वाक्यम् उवाच विदित-अर्थ-वत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निवात | निवात | pos=a,comp=y |
कवचानाम् | कवच | pos=n,g=m,c=6,n=p |
तु | तु | pos=i |
निवार्य | निवारय् | pos=vi |
रण | रण | pos=n,comp=y |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वृद्धः | वृद्ध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पितामहो | पितामह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
विदित | विद् | pos=va,comp=y,f=part |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |